8368323740 बाली पहलवान
आज नवरात्रि के सप्तम दिवस विराजित माँ कालरात्रि को हृदयतल से नमन करते हुए आप समस्त माताओं , बहनों और बंधुओं को भी देवों और देवियों के रूप में हृदयतल से सादर सहर्ष नमन है । माँ की कृपा आप सबों पर सदैव ही बनी रहे , इन्हीं शुभकामनाओं के साथ माता के चरणों में एक रचना का प्रयास ।
सप्तम् रूप आज कालरात्रि ,
दृश्य होता बहुत ही भयंकारी ।
किन्तु शुभ फल हैं माँ देनेवाली ,
नाम हुआ जिनकी माँ शुभंकरी ।।
पुण्य का भागी बनता है वह भी ,
माँ के ही पवित्र साक्षात्कार से ।
दुष्टों का करतीं हैं शीघ्र ही नाश ,
भूत प्रेत बाधा भागे एक हुंकार से ।
जिसने माँ की महिमा को जबसे ,
मन में मन से उसको साधा है ।
पूर्ण हुई जब उनकी हर इच्छा ,
दूर हुए ग्रह नक्षत्र हर बाधा है ।।
हृदयतल से माता शुभंकरी को ,
सादर कोटिशः हार्दिक प्रणाम है ।
रक्षा करें माता हर भक्तों की ही ,
बहाता भक्ति जो सुबह से शाम है ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना ।
नोटः आजकल थोड़ा अत्यधिक व्यस्तता के कारण भक्ति रचना भेजने विलंब हो जा रहा है , जिसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ ।
Swati chourasia
08-Apr-2022 07:07 PM
बहुत ही सुंदर रचना 👌👌🙏🙏
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Gunjan Kamal
08-Apr-2022 06:02 PM
बहुत खूब आदरणीय जय माता दी 🙏🏻🙏🏻
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